वक़्त बदलता है, दोस्त नहीं... अगर वो सच्चे हों।
परिचय: जब ज़िंदगी बदलती है, तब असली रिश्तों की परख होती है वक़्त... जो हर चीज़ को बदल देता है — रिश्ते, हालात, मंज़िलें, सोच, मकाम। पर कुछ रिश्ते ऐसे भी होते हैं जो इन बदलावों की आँच में भी अडिग रहते हैं। उनमें से सबसे खूबसूरत रिश्ता होता है — दोस्ती । सच्चा दोस्त समय के साथ बदलता नहीं — बल्कि और भी करीब हो जाता है। इस ब्लॉग में हम एक ऐसे एहसास की बात करेंगे जो शब्दों से नहीं, जज़्बातों से जुड़ता है। एक दोस्ती जो "हाय-हैलो" से नहीं, खामोशियों में समझने से निभती है। क्यों बदलते वक़्त में दोस्तियाँ टूट जाती हैं? समय एक तेज़ बहती नदी की तरह है — जो सब कुछ साथ बहा ले जाती है, पर अगर दोस्ती की नींव गहरी हो, तो वो हर तूफान झेल जाती है। आजकल की दोस्तियाँ: सोशल मीडिया पर आधारित दिखावे में उलझी हुई समय की कमी के कारण कमजोर स्वार्थ और तुलना से ग्रसित पर सच्ची दोस्ती कभी comparison नहीं करती, सिर्फ connection रखती है। सच्चे दोस्त की पहचान कैसे करें? हर मुस्कुराता चेहरा दोस्त नहीं होता, और हर साथ बैठा इंसान, अपना नहीं होता। सच्चा दोस्त वो है जो: आपको आपकी च...